गुजरात सरकार के नौ दिवसीय सेवा यज्ञ में वर्चुअली शामिल हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी
गरीबों के सशक्तिकरण को दी जा रही है सर्वोच्च प्राथमिकताः प्रधानमंत्री
‘सरकार की योजना से लोगों को हुआ एहसास कि चुनौतियों चाहे जैसी हों, लेकिन पूरा देश गरीबों के साथ है’
नरेन्द्रभाई के मार्ग पर यह सरकार गरीब, वंचित और अंत्योदय के उत्थान के लिए कार्यरतः मुख्यमंत्री
‘मुख्यमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत ६५ लाख १४ हजार लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति १००० रुपए की सहायता डीबीडी के जरिए दी’
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश में गरीबों के सशक्तिकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। श्री मोदी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत गुजरात के ७१ लाख परिवारों के साढ़े तीन करोड़ लोगों को दिवाली तक मुफ्त राशन वितरण के सेवा यज्ञ का मंगलवार को दाहोद से वर्चुअल प्रारंभ कराया। राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे नौ दिवसीय सेवा यज्ञ के तीसरे दिन अन्न वितरण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री सहभागी बने।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात में आज लाखों परिवारों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत निःशुल्क राशन दिया जा रहा है। यह राशन कोरोना महामारी के इस दौर में गरीबों की चिंता में राहत प्रदान कर उनमें आत्मविश्वास भर रहा है। उन्होंने कहा कि यह योजना पिछले एक वर्ष से देशभर में चल रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि देश का कोई गरीब भूखा न सोए। इस योजना के चलते लोगों को यह एहसास हुआ है कि चुनौतियां चाहे जैसी भी हों, लेकिन पूरा देश गरीबों के साथ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी १०० वर्ष में पहली बार आई है। दुनिया के अनेक देशों को यह चिंता थी कि कोरोना के कारण लागू किए गए लॉकडाउन के चलते कई लोगों को भूखे रहने की नौबत आएगी। दुनिया के कई देशों में अभी कोरोना संक्रमण के कारण भूखमरी का संकट पैदा हुआ है। लेकिन भारत ने इस संकट को पहले से पहचानते हुए उससे निपटने के लिए अग्रिम आयोजन कर यह योजना क्रियान्वित की है। देश में ८० करोड़ से अधिक गरीबों को मुफ्त अनाज देने के लिए केंद्र सरकार ने २ लाख करोड़ रुपए की भारी धनराशि खर्च की है।
गुजरात की सार्वजनिक वितरण प्रणाली की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना लागू करने में गुजरात देशभर में पहला राज्य था। जिसकी वजह से लॉकडाउन में फंसे अनेक प्रवासी श्रमिकों को उनके पैतृक निवास के अलावा अन्य स्थानों से राशन मिलता रहा और वे कोरोना काल में भी राशन से वंचित न रहे।
उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले तक देश में अनाज के गोदाम तो बढ़ते गए लेकिन भूखमरी और कुपोषण में कोई कमी नहीं आई। प्रभावी वितरण व्यवस्था का पूरी तरह से अभाव उसका मुख्य कारण था। इस स्थिति में बदलाव के लिए वर्ष २०१४ से आपूर्ति वितरण व्यवस्था में नई कार्यशैली का अमल किया गया। जिसमें राशन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक कर अनेकों फर्जी राशन कार्ड को निरस्त किया गया साथ ही गरीबों के हक के सरकारी अनाज की वितरण व्यवस्था में से बिचौलियों को भी दूर किया गया। डिजिटल व्यवस्था के कारण सार्वजनिक वितरण प्रणाली ज्यादा सुदृढ़ बनी और राशन का सीधा लाभ बिना बिचौलिये और देरी के सीधे गरीबों को मिल रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक जमाना था कि देश में विकास की बातें केवल बड़े शहरों तक सीमित थी। जिसका आम नागरिक से कोई वास्ता नहीं था। परन्तु इस विचारधारा को बदल कर सामान्य आदामी के जीवन में भी गुणात्मक परिवर्तन लाने और उसके जीवनस्तर को ऊंचा उठाने के मापदंडों के साथ केंद्र सरकार ने गरीबों के सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने आगे कहा कि देश में २ करोड़ गरीब परिवारों को आवास, १० करोड़ परिवारों को शौचालय तथा जनधन खाते से अंत्योदय परिवारों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़कर उन्हें नई ताकत और अवसर प्रदान किए हैं और उसके कारण गरीबों के जीवनस्तर में आमूल परिवर्तन आया है।
श्री मोदी ने कहा कि गरीबों के स्वास्थ्य की चिंता कर आयुष्मान भारत, शिक्षा, सड़क, गैस और बिजली मुफ्त देकर उन्हें मुख्यधारा में शामिल किया गया है और विकास का फल अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया गया है। मुद्रा योजना और आत्मनिर्भर भारत योजना के जरिए गरीबों के सम्मानपूर्वक जीवन जीने का रास्ता खोला है।
उन्होंने कहा कि गुजरात में एक समय पानी के लिए महिलाओं को दूर-सुदूर तक भटकना पड़ता था। लेकिन सरदार सरोवर योजना, सौनी योजना और नहरों के नेटवर्क के परिणामस्वरूप आज मां नर्मदा का पानी गुजरात के गांव-गांव और घर-घर तक पहुंचा है। मां नर्मदा का केवल नाम लेने से ही पुण्य मिलता है, वही पानी आज नल के माध्यम से घरों तक पहुंचा है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत पिछले दो वर्ष में साढ़े चार करोड़ परिवारों को शामिल कर लिया गया है। आजादी के बाद मात्र ३ करोड़ परिवारों के घर पानी का कनेक्शन था। खुशी इस बात की है कि गुजरात में आज नल से जल योजना पूरी होने के कगार पर है।
डबल इंजिन की सरकार के कारण गुजरात में विकास के अनेक कार्य हुए हैं। जिसमें स्टैच्यू ऑफ यूनिटी आज वैश्विक आकर्षण का केंद्र बना है। कच्छ में निर्माणाधीन नवीकरणीय ऊर्जा पार्क, रेलवे, हवाई कनेक्टिविटी सहित इंफ्रास्ट्रक्चर के अनेक प्रोजेक्ट गुजरात में कार्यरत हैं। अहमदाबाद और सूरत में मेट्रो, हेल्थ केयर और मेडिकल क्षेत्र में प्रशंसनीय कार्य हुआ है।
उन्होंने कहा कि गुजरात सहित पूरे देश में आज विकास के अनेक कार्य हो रहे हैं और उसके चलते देश के प्रत्येक क्षेत्र के लोगों का आत्मविश्वास बढ़ा है। यह आत्मविश्वास ही हरेक चुनौतियों का सामना करने की शक्ति और सपनों को साकार करने की ताकत देता है।
टोक्यो ओलंपिक का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि आजादी के बाद इस बार कोरोना महामारी के बीच भी सर्वाधिक खिलाड़ी ओलंपिक में भाग ले रहे हैं। कई खेल तो ऐसे हैं जिसमें भारत के खिलाड़ी पहली बार क्वालिफाई होकर हिस्सा ले रहे हैं। इतना ही नहीं, वे दुनिया के अन्य खिलाड़ियों को कड़ी टक्कर भी दे रहे हैं। भारत के खिलाड़ियों का जोश और जुनून आज सर्वोच्च स्तर पर है। यह आत्मविश्वास तब आता है, जब व्यवस्था में बदलाव के साथ प्रतिभा की सही पहचान कर उसे तराशा और प्रोत्साहित किया जाता है। भारत के खिलाड़ियों का यह आत्मविश्वास नये भारत की पहचान बनी है।
उन्होंने राष्ट्रनिर्माण की संकल्पना को दोहराते हुए कहा कि भारत देश के ७५वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आजादी के अमृत महोत्सव में देश निर्माण के लिए संकल्पबद्ध होने का सभी से आह्वान है।
प्रधानमंत्री ने दाहोद के अलावा राजकोट, मेहसाणा, तापी, गांधीनगर और राजकोट जिले के लाभार्थियों के साथ ई-संवाद भी किया।
मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आयोजित हो रहा राशन वितरण का राज्यव्यापी कार्यक्रम अंत्योदय को चरितार्थ करने का सफल प्रयास है। हाशिये पर खड़े और गरीब व्यक्ति के जीवन में संवेदनशील स्पर्श है। समाज की कतार में खड़े आखिरी व्यक्ति को भी उसके जीवन में बदलाव का अनुभव हो ऐसा प्रयास है। केंद्र सरकार के पास अंतिम व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने का विजन, दृढ़ इच्छाशक्ति और गरीब-वंचितों के प्रति संवेदना होने से यह संभव है।
श्री रूपाणी ने कहा कि गुजरात में नरेन्द्रभाई ने ही विकास का मार्ग प्रशस्त किया था, उसी मार्ग पर यह सरकार गरीब, वंचित और अंत्योदय के उत्थान के लिए कार्यरत है। गुजरात की १७ हजार सरकारी मान्यता प्राप्त उचित मूल्य की राशन दुकानों से ७१ लाख अंत्योदय गरीब परिवारों के साढ़े तीन करोड़ लोगों को मुफ्त राशन प्रदान कर ‘सबको अन्न, सबको पोषण’ के संकल्प को इस सरकार ने साकार किया है।
उन्होंने कहा कि अतीत के शासनकाल में गरीबों की बहुत उपेक्षा हुई थी। वोट बैंक के लिए गरीबी हटाने के केवल नारे ही दिए गए थे, लेकिन गरीबी हटाने के लिए समर्पित होकर रात-दिन काम में जुट जाना अलग बात है और वह काम राज्य और केंद्र की सरकार कर रही है। हमारे शास्त्रों में अन्नब्रह्म कहा गया है यानी कि अन्न में ब्रह्म का वास होता है। उस अन्न को दरिद्रनारायण को मुफ्त प्रदान कर श्री नरेन्द्र मोदी ने करोड़ों गरीबों के पोषण की चिंता की है।
श्री रूपाणी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने २ लाख ८४ हजार करोड़ रुपए की खाद्यान्न सब्सिडी दी है और इसके जरिए देश के ८० करोड़ लोगों को छह महीने तक अनाज मिलने वाला है। कोरोना काल में जिस तरह गरीबों को निःशुल्क अनाज वितरित किया है और ऐसी कठिन परिस्थिति में भी किसी को भूखा नहीं सोने दिया है, यह प्रधानमंत्री की जनसामान्य के लिए चिंता और समर्पण को दिखाता है। पहले किसी भी पार्टी की सरकारों ने गरीबों के लिए ऐसा कोई व्यापक कार्यक्रम नहीं किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ का विचार किसी के ख्याल में नहीं आया, परन्तु श्री नरेन्द्र मोदी ने इस बात की भी चिंता की है कि गरीब और श्रमिक रोजी-रोटी के लिए जिस भी शहर में जाए, वहां उसे राशन कार्ड पर अनाज उपलब्ध हो सके। ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना’ का अमल एक क्रांतिकारी कदम है। इससे अब देश के किसी भी राज्य का श्रमिक या मजदूर किसी भी राज्य में अपने राशन कार्ड से अनाज प्राप्त कर सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्वयं गरीबी देखी है, गरीबी का अनुभव किया है। इसलिए ही उनके मन में गरीबों के प्रति अपार संवेदना है और यह बात इस कार्यक्रम में बखूबी दिखाई देती है।
श्री रूपाणी ने कहा कि अनाज वितरण की व्यवस्था खड़ी करने में गुजरात एक मॉडल स्टेट है। उन्होंने कहा कि कोरोना के संकट काल में अंत्योदय, गरीब और श्रमिक परिवारों को लॉकडाउन के दौरान आर्थिक सहारा और खाद्य सुरक्षा देने के लिए मुख्यमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के अंतर्गत ६५ लाख १४ हजार लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति १००० रुपए सहायता डीबीटी के जरिए सीधे उनके बैंक खाते में पहुंचाई है। इतना ही नहीं, कोरोना की पहली लहर में अप्रैल से नवंबर तक के आठ महीनों के दौरान ६३ लाख ५७ हजार लाभार्थी कार्ड धारकों को ९ लाख मीट्रिक टन गेहूं, ४ लाख मीट्रिक टन चावल और ५० हजार टन चने का वितरण किया है। साथ ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गुजरात के ३.५० करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया है।
उप मुख्यमंत्री श्री नितिनभाई पटेल ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान देश के लोगों को मुफ्त राशन देने के साथ ही कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए सौ करोड़ से अधिक पात्र लोगों को मुफ्त वैक्सीन देने का प्रधानमंत्री ने उदार निर्णय किया है। गुजरात में प्रतिदिन लगभग चार लाख लोगों को कोरोना रोधी वैक्सीन दी जा रही है। गुजरात में वैक्सीन के पात्र आधी आबादी को वैक्सीन दे दी गई है।
श्री पटेल ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार आदिवासियों के सर्वांगीण उत्थान के लिए लगातार कार्य कर रही हैं। आदिवासी समाज को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं कार्यान्वित की गई हैं।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री जयेशभाई रादड़िया ने कहा कि कोरोना महामारी की पहली लहर में राज्य के ६८.८० लाख परिवारों को मुफ्त राशन वितरित कर आने वाली आपदा से बचाया गया था। राज्य सरकार ने एक कदम आगे बढ़ते हुए ६१ लाख गैर-एनएफएसए कार्ड धारकों को भी मुफ्त अनाज प्रदान किया। इस तरह श्री विजय रूपाणी की सरकार ने लाखों लोगों की भूख शांत करने का कार्य किया।
उन्होंने कहा कि वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना के अंतर्गत अन्य राज्यों के राशन कार्ड धारकों को गुजरात में अनाज वितरित किया जा रहा है।
सांसद श्री सी.आर. पाटिल ने कहा कि कोरोना के संकट काल में देश और दुनिया में गुजरात ने योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया। जिससे प्रवासी श्रमिकों ने पलायन करने के बजाय गुजरात में ही रहना पसंद किया था।
सांसद श्री जसवंतसिंह भाभोर ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इससे पूर्व सचिव श्री मोहम्मद शाहिद ने सभी का स्वागत किया। महानुभावों ने लाभार्थियों को राशन किट का वितरण किया।
इस अवसर पर अग्रणी श्री भार्गव भट्ट, मुख्य सचिव श्री अनिल मुकीम, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री के. कैलाशनाथन, कलक्टर डॉ. हर्षित गोसावी, जिला विकास अधिकारी श्री तेजस परमार, पुलिस अधीक्षक श्री हितेश जोयसर सहित कई पदाधिकारी एवं लाभार्थी उपस्थित थे।