आरके एचआईवी एड्स रिसर्च एंड केयर सेंटर ने दीनदयाल पोर्ट के सहयोग से “टीबी मुक्त भुज (कच्छ)”बड़ा अभियान

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आरके एचआईवी एड्स रिसर्च एंड केयर सेंटर के चेयरमैन डॉ धर्मेंद्र कुमार और दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी के डिप्टी चेयरमैन नन्दीश शुक्ला के बीच चर्चा के बाद यह तय हुआ कि दीनदयाल पोर्ट के अंदर प्रतिमाह 15 हजार से ज्यादा अनओर्गनाइज़ मजदूर आते हैं, प्रधानमंत्री टीबी मुक्त योजना के अंतर्गत उनकी स्क्रीनिंग करके उन्हें मेडिसिन दे कर टीबी मुक्त किया जाएगा इसमे दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी का योगदान होगा। इस संदर्भ में आरके एचआईवी एड्स रिसर्च एंड केयर सेंटर के चेयरमैन डॉ धर्मेंद्र कुमार और दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी के डिप्टी चेयरमैन नन्दीश शुक्ला ने मिलकर विस्तृत रूप से डिस्कशन किया और कालड़ा पोर्ट के सेफ्टी ऑफिसर को बुलाकर उनसे भी विस्तृत चर्चा हुई।

आरके एचआईवी एड्स रिसर्च एंड केयर सेंटर के अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र कुमार द्वारा अब तक 96 हजार ऑपरेशन का लाभ लोगों को मिला है, 29899 मेडिकल कैम्प का आयोजन किया जा चुका है वहीं एक लाख सर्जरी करवाई गई है और 4.26 करोड़ मरीजों ने लाभ लिया है। 2.8 हजार करोड़ की दवाएं वितरित की गई हैं। 35 लाख लोगों को चश्मे देकर उन्हें रौशनी देने का नेक कार्य किया है। 1.3 लाख लोगों को व्हीलचेयर की सुविधा देकर दिव्यांगों की सहायता की है.

आरके एचआईवी एड्स रिसर्च एंड केयर सेंटर “टीबी मुक्त भुज (कच्छ)” अभियान में गांधी धाम के साथ दीनदयाल पोर्ट ऑथरिटी में करवाया । ताकि सभी लोग टीबी मुक्त  हो सके इसका प्लान किया गया।गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डरआर के एचआईवी एड्स रिसर्च एंड केयर सेंटर, दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी के सहयोग से भुज (कच्छ) में (टीबी) के खिलाफ तेजी से प्रिवेंशन डिटेक्शन एंड ट्रीटमेंट का काम मार्च से सभी तालुका अस्तर पर किया जा रहा है।

14 जून 2024 को महेश्वरी हॉल में 200 से ज्यादा टीबी मरीजों की जांच करने के बाद उन्हें टी वी दवाएं देकर कैम्प की शुरुआत की गई। जिसमें

दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी के डिप्टी सीएमओ डॉ सुनील सूर्यवंशी कच्छ भुज के डिस्ट्रिक टीबी ऑफिसर डॉ मनोज दवे ,डॉ दिनेश सुतारिया के साथ साथ दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी के जीएम सीएसआर डॉ महेंद्र खुशलानी, आरके एचआईवी एड्स रिसर्च एंड केयर सेंटर की ओर से डॉ धर्मेंद्र कुमार,गुजरात के आरके एचआईवी एड्स रिसर्च एंड केयर सेंटर के इंचार्ज भूतपति किंजल और  दीनदयाल पोर्ट ट्रस्ट के नोडल अधिकारी चेतन जी, भावेश मदाने, दीनदयाल पोर्ट के एक्जीक्यूटिव ऑफिसर जयश्री महेश्वरी की उपस्थिति में 200 से ज्यादा जो टीबी के मरीज को मेडिसिन देकर गांधीधाम के पेशेंट को टीबी मुक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है प्रधानमंत्री  श्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक इस बीमारी को समाप्त करने का संकल्प लिया है। इस अभियान के तहत गांधीधाम के महेश्वरी हॉल में यह कैम्प कंडक्ट किया गया ताकि मोदी जी के सपने को साकार किया जा सके। टीबी परीक्षण के लिए जेनेक्सपार्ट मशीन का उपयोग किया जाता है। टीबी मुक्त गुजरात बनाने के लिए यह महत्वपूर्ण पहल की गई।

मार्च से आरके एचआईवी एड्स रिसर्च एंड केयर सेंटर के चेयरमैन डॉ धर्मेंद्र कुमार ने दीनदयाल पोर्ट के सहयोग से यह अभियान जारी रखा है।

इस अभियान के तहत अब तक लगभग 1,187 लोगों की जांच और परीक्षण किए जा चुके हैं। साथ ही 200 मरीजों को दवाएं वितरित की गई हैं।

दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी के डिप्टी चेयरमैन नन्दीश शुक्ला और डॉ धर्मेंद्र कुमार के साथ साथ भावेश मदाने और डॉ सुनील श्रीवंशी के डायरेक्शन में एक नई पहल शुरू की गई कि पोर्ट के अंदर आए हुए हर महीने लगभग 15 हजार से ज्यादा अन ऑर्गनाइज लेबर्स इसमे ट्रक चालक, लोडर, के साथ साथ अलग अलग तरह कब वर्कर्स विज़िट करते हैं। वहां 15 – 20 दिन रहकर अपने अलग अलग क्षेत्रो में पलायन कर जाते हैं। उनको भी टीबी मुक्त कैसे किया जाए उसके लिए कल यह बैठकर तय किया गया कि कच्छ भुज और गांधीधाम को टीबी मुक्त के साथ आए हुए इन लेबर्स को टेस्ट करके मेडिसिन देने का काम किया जाए। 

आरके एचआईवी एड्स रिसर्च एंड केयर सेंटर  डेढ़ लाख से ज्यादा मरीजो को देश के अलग अलग हिस्सों में हिंदुस्तान को टीबी मुक्त करने में अहम भूमिका अदा किया है और दीनदयाल पोर्ट के साथ चेन्नई  के लोगों को टीबी मुक्त करने में अहम योगदान दे रहा है। गुजरात के सूरत, भरूच, अहमदाबाद, बड़ोदा के साथ लगभग 17 से ज्यादा जिलों को गोद लेकर टीबी मुक्त गुजरात के अभियान में यह सेंटर पिछले दो वर्षों से काम कर रहा है। जब तक यह बीमारी खत्म नही हो जाती तब तक यह काम करता रहेगा।

इस पहल का उद्देश्य टीबी की रोकथाम, आवश्यक सावधानियों और बीमारी के कारणों के बारे में जनता को शिक्षित करना है। टीबी अधिकारी भुज (कच्छ) के मार्गदर्शन में, आरके एचआईवी एड्स रिसर्च एंड केयर सेंटर ने प्रत्येक तालुका (भुज, नखत्राना, मंडवी, अंजार, भचाऊ, रापर, गांधीधाम, मुंद्रा, अबडासा, लखपत) में कर्मचारियों को तैनात किया है, जो थूक के नमूने इकट्ठा करते हैं और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करते हैं।  ये स्क्रीनिंग, परीक्षण और जागरूकता अभियान स्कूलों में भी चलाए जा रहे हैं। आरके एचआईवी एड्स रिसर्च एंड केयर सेंटर के चेयरमैन डॉ. धर्मेंद्र कुमार गुजरात को टीबी मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह प्रयास प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 2025 तक टीबी उन्मूलन के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। व्यापक टीबी परीक्षण और आवश्यक देखभाल प्रदान करके, इस अभियान का उद्देश्य क्षेत्र में टीबी की व्यापकता को काफी हद तक कम करना है। कई डॉक्टरों और चिकित्सा पेशेवरों की भागीदारी के साथ, आरके एचआईवी एड्स रिसर्च एंड केयर सेंटर और दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी भुज (कच्छ) को टीबी मुक्त जिला बनाने के लिए बड़े कदम उठा रहे हैं। भारत टीबी संकट से लड़ रहा है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक इस बीमारी को समाप्त करने का संकल्प लिया है। इस अभियान के तहत, आरके एचआईवी एड्स रिसर्च एंड केयर सेंटर ने जागरूकता बढ़ाने और गुजरात को तपेदिक मुक्त बनाने के लिए एक पहल शुरू की है। जिन लोगों में बीमारी का पता चलता है, उन्हें छह महीने तक उपचार मिलेगा (दैनिक आधार पर स्क्रीनिंग और परीक्षण, दवाओं का वितरण और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से टीबी के बारे में जानकारी दी जाएगी)। टीबी से निपटने के लिए व्यापक दृष्टिकोण की सभी ने सराहना की है। जन स्वास्थ्य में सुधार के उद्देश्य से, चिकित्सा पेशेवर पहले से ही इस बीमारी से पीड़ित मरीजों का इलाज शुरू कर चुके हैं।


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