प्लास्टिक कचरे से कलात्मक चीजें बना रहे हैं छात्र

Students are making artistic things from plastic waste
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नई दिल्ली: पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय सहित अन्य केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा चलाए जा रहे ‘स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर’ अभियान के अंतर्गत आयोजित की जाने वाली गतिविधियों में शामिल ‘प्लास्टिक टू प्रीशियस’ प्रतियोगिता के माध्यम से बड़ी संख्या में छात्रों की भागीदारी समुद्री स्वच्छता अभियान में देखने को मिल रही है।इस प्रतियोगिता के अंतर्गत छात्रों को प्लास्टिक कचरे से कलात्मक चीजें बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

स्कूली छात्रों के लिए शुरू की गई यह प्रतियोगिता देश की करीब 7500 किलोमीटर लंबी तटरेखा को साफ करने के लिए चलाए जा रहे 75 दिवसीय ‘स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर’ अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य नई पीढ़ी में महासागरों के महत्व और उसकी स्वच्छता के प्रति जिम्मेदारी का भाव विकसित करना है। इस प्रतियोगिता में शामिल होने वाले छात्रों से अपेक्षा की जा रही है कि वे कचरे के गैर-जिम्मेदार रखरखाव का अध्ययन करें, और साथ ही अपनी दैनिक जीवनशैली से प्लास्टिक कचरे के प्रमुख स्रोतों का मूल्यांकन करें, जिसमें प्लास्टिक बैग, बोतलें, कटलरी, स्ट्रॉ, चॉकलेट रैपर, चिप्स बैग, और कंटेनर सहित अन्य पैकेजिंग शामिल हैं।

प्रतियोगिता के लिए पंजीकरण करने वाले सभी छात्रों को कई सरकारी मंत्रालयों और विभागों और राष्ट्रीय नागरिक समाज संगठनों द्वारा समर्थित पंजीकरण का एक आधिकारिक प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। ईकोमित्रम् (Ecomitram) ऐपऔर MyGovके माध्यम से प्राप्त शीर्ष प्रविष्टियों को भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय से की ओर से प्रोत्साहन दिया जाएगा। जिन स्कूलों द्वारा यह प्रतियोगिता आधिकारिक रूप से संचालित नहीं की जा रही है, उनके छात्र भी इसमें हिस्सा ले रहे हैं।इस प्रतियोगिता के अंतर्गत छठी से बारहवीं कक्षा के छात्र शामिल हो रहे हैं।

छात्र टीमें अपने घर, स्कूलों और समुदायों से प्लास्टिक की व्यर्थ वस्तुओं को इकट्ठा कर रही हैं, ताकि प्लास्टिक अपशिष्ट से ऐसी वस्तु बनायी जा सकें, जो प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए उपयोगी या सजावटी हों।कचरे से कलात्मक उत्पाद बनाने के बाद छात्रों को इस प्रतियोगिता से मिले अनुभवों के साथ-साथ अपनी टीम द्वारा बनायी गई कलाकृति की व्याख्या करने वाला एक वीडियो (60 सेकंड से कम) जमा करना होगा। इस प्रकार, छात्र उन गतिविधियों के बारे में भी बात कर सकते हैं, जिन पर वे भविष्य में प्लास्टिक के उपयोग को कम करने, पुन: उपयोग करने, और रीसाइकिल करने के लिए नियमित तौर पर करेंगे।

स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में भारत की समुद्री तटरेखा की सफाई के लिए 75 तटों पर चल रहे अभियान के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं। इन गतिविधियों में शून्य अपशिष्ट संकल्प (Zero Waste Pleadge), प्लास्टिक टू प्रीशियस (Plastic to Precious), वेस्ट ऑडिट (Waste Audit), मॉनसून बीच फेस्टिवल (Monsoon Beach Festival), इको-सेल्फी (Eco-Selfie), बाइक टू बीच (Bike to Beach), प्लास्टिक से आज़ादी, माई कोस्ट (My Coast), ऑर चॉइसेस (R Choices), ‘रजिस्टर किया क्या’ (Register Kiya Kya), टीचर्स-डे (Teachers Day), मार्क योर बीच (Mark Your Beach), और टीम-अप-टू-क्लीन-अप (Team up to Clean up) शामिल हैं।

75 दिवसीय यह अभियान मुख्य रूप से जन-भागीदारी पर आधारित है, जिसका प्रमुख उद्देश्य समुद्री स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करना, और उन्हें दैनिक जीवन में प्लास्टिक, जो समुद्री कचरे का एक प्रमुख घटक है, के सुविचारित उपयोग एवं प्रबंधन के लिए प्रेरित करना है।अभियान के बारे में जागरूकता प्रसार, और 17 सितंबर 2022 को समुद्र तट की सफाई गतिविधि से स्वैच्छिक रूप से जुड़ने और इसके लिए पंजीकरण करने के लिए आम लोगों के लिए एक मोबाइल ऐप – “इको मित्रम्” लॉन्च किया गया है।इन गतिविधियों से ईकोमित्रम् (Ecomitram) ऐप के जरिये जुड़ा जा सकता है। (इंडिया साइंस वायर)


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