दो ओलंपिक में डाइविंग जज रहनेवाले मयूर व्यास ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड्स’ से किरण बेदी के हाथों सम्मानित

Mayur Vyas a diving judge in two Olympics honored with 'LifeTime Achievement Award
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स्पोर्ट्समैन मयूर व्यास को ‘वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड‘ द्वारा ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड्स‘ से सम्मानित

मुंबई। मुंबई के बोरीवली में रहनेवाले स्पोर्ट्समैन तथा रियो ओलंपिक 2016 व टोक्यो ओलंपिक 2021 में  डाइविंग के लिए जज रह चुके, मयूर जनसुखलाल व्यास को ‘वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड'(लंदन) द्वारा स्पोर्ट्स में उनके अमूल्य योगदान के लिए ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड्स’ के लिए चुना गया। जिसके लिए मध्यप्रदेश के इंदौर के जेडब्ल्यू मैरियट होटल में ‘ ५ वें वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स अवार्ड्स समारोह’ का आयोजन सोमवार २२ अगस्त २०२२ को किया गया था, जोकि सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध किरण बेदी के हाथों बहुमुखी प्रतिभाशाली मयूर व्यास को ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड्स’ से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उदयपुर के महाराज कुमार साहिब लक्ष्यराज सिंह जी मेवाड़,अवार्ड बुक के अध्यक्ष और सी ई ओ संतोष शुक्ला, डॉ तिथि भल्ला, सातेश शुक्ला इत्यादि तथा राजनीति, भारतीय सिनेमा और कॉर्पोरेट जगत की हस्तियां भी इस समारोह में हिस्सा लिया और समारोह हो सफल बनाया। अवार्ड मिलने पर मयूर व्यास ने सभी कमिटी से जुड़े लोगों और आये सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।

वैसे मयूर जनसुखलाल व्यास अभी वर्ल्ड बॉडी फीना के टेकनिक हाई डाइविंग कमेटी मेंबर है, एशियन स्विमिंग फेडरेशन में टेकनीकल डाइविंग कमेटी मेम्बर है और स्विमिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया में टेकनीकल डाइविंग कमेटी के चैयरमैन है। वे भारत के पहले व्यक्ति है, जोकि डाइविंग जज के तौर पर दो ओलंपिक में सेलेक्ट किये गए थे, यह शायद देश का दुर्भाग्य है कि इतने टैलेंटेड व्यक्ति को भारत सरकार ने कभी कोई अवार्ड नहीं दिया। ये 1976 से लेकर आजतक डाइविंग से जुड़े हुए है। इस पर मयूर व्यास कहते है,” मैं कभी भी इस चक्कर नहीं पडा, मैंने हमेशा स्पोर्ट्स पर ही ध्यान दिया। अभी हमारे खिलाडी अच्छा प्रदर्शन कर रहे है। मोदी सरकार आने के बाद सुविधाएं बढ़ी है और खिलाड़िओं को सहायता मिल रही है। इसके लिए उन्हें धन्यवाद देता हूँ। और मैं वीरेंद्र नानावटी जी को भी धन्यवाद देता हूँ, जिनकी वजह से और मार्गदर्शन की वजह से यह मुकाम हासिल किया और यहाँ तक पंहुचा हूँ।”

वे रियो ओलंपिक 2016 व टोक्यो ओलंपिक 2021 में डाइविंग के लिए जज भी रह चुके है,दो ओलपिंक में डाइविंग जज  रहनेवाले पहले भारतीय है। इसके पहले भारत के लिए स्पोर्टमैन के तौर पर वॉटर पोलो में 1976 में जूनियर नेशनल और 1984 सीनियर नेशनल में एक एक बार ब्रोंस मेडल जीत चुके है।आल इंडिया रेलवे के स्पोर्ट्स से जुड़ गए और वहाँ 1981 से 1988 तक चैंपियन रहे। साथ मे वेस्टर्न रेल्वे का कोच 1990 से लेकर 2018 तक तथा इंडियन रेल्वे का 2005 से 2018 तक कोच भी रहे और 2018 में रिटायर्ड हुए। जिसमे 2005 से 2017 तक रेल्वे चैंपियन रही थी। 2010 में कॉमनवेल्थ गेम, दिल्ली के डेप्युटी कॉम्पटेशिव डायरेक्टर भी थे। उसके बाद जज फील्ड पसंद आया और उसके लिए एग्जाम दिया, फिर कॉमनवेल्थ गेम से जजिंग शुरू किया और देश विदेश में बतौर टेकनीकल डाइविंग जज जाना शुरू किया।          


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