आईआईटी गुवाहाटी और काजीरंगा विश्वविद्यालय अनुसंधान और उद्यमिता के क्षेत्र में करेंगे सहयोग

Share this

नई दिल्ली : पाठ्यक्रम संवर्धन, अनुसंधान और उद्यमिता के क्षेत्र में सहयोग के लिए आईआईटी गुवाहाटी और काजीरंगा विश्वविद्यालय ने एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके अंतर्गत दोनों संस्थान उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने की दिशा में काम करेंगे और इंजीनियरिंग एवं विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोगात्मक कार्य के लिए उन्नत प्रयोगशालाओं की स्थापना करने में आईआईटी गुवाहाटी, काजीरंगा विश्वविद्यालय की सहायता करेगा। आईआईटी गुवाहटी के निदेशक डॉ टी.जी. सीथाराम और काजीरंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पी.के. मिश्रा ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये।
पाठ्यक्रम संवर्धन, अनुसंधान और उद्यमिता के क्षेत्र में सहयोग के लिए आईआईटी गुवाहाटी और काजीरंगा विश्वविद्यालय ने एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके अंतर्गत दोनों संस्थान उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने की दिशा में काम करेंगे और इंजीनियरिंग एवं विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोगात्मक कार्य के लिए उन्नत प्रयोगशालाओं की स्थापना करने में आईआईटी गुवाहाटी, काजीरंगा विश्वविद्यालय की सहायता करेगा।
इस अवसर आईआईटी गुवाहटी के निदेशक डॉ टी.जी. सीथाराम ने कहा कि आईआईटी गुवाहाटी अपने सक्षम संकाय और उत्कृष्ट अनुसंधान अवसंरचना के माध्यम से काजीरंगा विश्वविद्यालय को हर संभव समर्थन प्रदान करेगा। इसके साथ ही आईआईटी गुवाहाटी, काजीरंगा विश्वविद्यालय के विकास के लिए निवेशकों के साथ-साथ छात्र उद्यमियों को आवश्यक सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करेगा। उन्होंने आगे कहा कि काजीरंगा विश्वविद्यालय के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करना, उत्तर पूर्व भारत के संस्थानों के साथ जुड़ने की दिशा में एक कदम है जो हमारे नेटवर्क ऑफ एक्सीलेंस बनाने के लक्ष्य में मददगार साबित होगा।
वही काजीरंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पी.के. मिश्रा ने कहा कि आईआईटी गुवाहाटी से बड़े भाई की भूमिका निभाने और विज्ञान और इंजीनियरिंग धाराओं के साथ शुरुआत करते हुए काजीरंगा विश्वविद्यालय की विभिन्न शैक्षिक पहलों का समर्थन करने की बहुत उम्मीदें हैं।
इस अवसर पर कुलपति डॉ पी.के. मिश्रा ने आईआईटी गुवाहाटी के संकाय सदस्यों को पाठ्यक्रम विकसित करने के साथ-साथ काजीरंगा विश्वविद्यालय की अन्य प्रमुख योजनाओं को लागू करने में सलाहकार भूमिका निभाने के लिए आमंत्रित किया। इसके साथ ही उन्होंने सक्षम विशेषज्ञों को विश्वविद्यालय बोर्ड में सलाहकार की भूमिकाओं में शामिल होने के लिए भी आमंत्रित किया ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा द्वारा उत्तर पूर्व क्षेत्र के छात्रों की आकांक्षाएं पूरी की जा सकें। (इंडिया साइंस वायर)


Share this

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here