आईआईटी दिल्ली की घोषणा, कोरोना के खिलाफ रक्षा

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 IIT Delhi's announcement, protection against Coronaवेक्सीन जब आना होगी तक आएगी, कोविड-19 प्रोटेक्शन लोशन आ गया

इन्डियन इन्स्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) में शुरू किए स्टार्टअप ने राहत कीमत में कोविड-19 के खिलाफ रक्षा दिलानेवाला लोशन तैयार किया है वैसा अधिकारियों ने बताया था।

संस्था के डायरेक्टर वी रामगोपाल राव ने शुक्रवार को एन्टीवायल कीट के हिस्सा वाले उत्पादनों का अनावरण किया। इन उत्पादनों को तैयार करने में दो स्टार्टअप में से एक स्टार्टअप क्लेन्स्टा है, वहीं दूसरा ई-टेक्स है।

इन कीट में नोबेल कोविड-19 प्रोटेक्शन लोशन, हेन्ड सेनिटाइजर, ई-टेक्स कवच एन्टिवायरल टी-शर्ट और कवच मास्क शामिल है।

आईआईटी दिल्ली में टेक्सटाइल और फाइबर इंजीनियरिंग विभाग के श्री बिपीन कुमार ने बताया कि क्लेन्स्टा नामक स्टार्टअप द्वारा पेश किए गए कोविड-19 प्रोटेक्शन लोशन 24 घंटे तक एन्टिवायरल और एन्टिसेप्टिक गुणधर्मो के साथ वायरस के खिलाफ 99.9 फीसदी सुरक्षा देता है।

कोविड-19 प्रोटेक्शन लोशन ब्रांड नाम के तहत लॉन्च किए क्लेन्स्टा प्रोटेक्शन लोशन एन्टिवायरल और एन्टिसेप्टिक गुणों के साथ 24 घंटे तक 99.9 फीसदी वायरस के खिलाफ सुरक्षा देता है। यह उत्पादन पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाए बिना बेक्टिरियल, वायरल और फंगल इन्फेक्शन को रोकने के लिए उनके प्रकार का प्रथम पीएपी टेक्नोलॉजी (प्रोलोन्ग्ड एन्टिवायरल टेक्नोलॉजी) के साथ इंजीनियरिंग रसायणशास्त्र का गठन में सफलता की प्रगति है। अत्याधुनिक हेन्ड सेनिटाइजर को कई गुना वायरस के खिलाफ असरकारक सुरक्षा प्रदान करने के लिए आल्कोहोल को बरकरार रखने के समय में वृद्धि के साथ तैयार किया है।

IIT Delhi's announcement, protection against Corona

इस उत्पादन का उपयोग हाथ और चेहरा समेत शरीर के खुले में रहनेवाले हिस्से पर भी कर सकते है। यह उत्पादन उपभोक्ता को करीबन 24 घंटे तक खलल पहुंचाए बिना वायरस के खिलाफ सुरक्षित रखता है। इसके अलावा आल्कोहोल आधारित सेनिटाइरज के हमेशा उपयोग को घटाया है और दिन में कई बार हाथ धोने की प्रक्रिया में राहत देता है। आईआईटी दिल्ली द्वारा जारी किए गए एक बयान में कहा है कि क्लेन्स्टा लोशन की एन्टिवायल असरकारकता को अलग अलग समयांतर किया गया और अमेरिकन सोसायटी फॉर टेस्टिंग एन्ड मटिरियल्स के मुताबिक वायरस के खिलाफ सुरक्षा में वह 99.95 फीसदी असरकारक होने का पता चलता है।


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