डॉ. हर्षवर्धन ने विश्राम सदन, एम्सद, नई दिल्ली में रह रहे निराश्रित लोगों में कंबल, मास्क और साबुन वितरित किए

Share this

इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी ने पूरे देश में 500 से अधिक जिलों में 40,000 से अधिक प्रशिक्षित स्वपयंसेवकों को तैनात किया, जिन्होंदने कोविड-19 के प्रभाव को कम करने में व्यावपक योगदान दिया

नई दिल्ली : केन्द्री य स्वायस्य्ाअ एवं परिवार कल्याडण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कल विश्राम सदन, एम्स, नई दिल्ली में रह रहे निराश्रित लोगों में, कंबल, मास्क और साबुन वितरित किए। रेडक्रॉस सोसायटी के महासचिव श्री आर.के.जैन, एम्स के निदेशक प्रोफेसर आर.गुलेरिया और एम्से के अन्ये वरिष्ठर अधिकारी भी इस अवसर पर मौजूद थे।

इस कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए स्वामस्य्के एवं परिवार कल्यायण मंत्री ने सर्दी के मौजूदा मौसम के दौरान जरूरतमंद लोगों में कंबल बांटने की पहल करने के लिए इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी (आईआरसीएस) को धन्य वाद दिया।

डॉ. हर्षवर्धन ने इस बात का स्म रण किया कि आईआरसीएस वर्ष 1920 से ही जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसका मानवीय प्रयासों का एक समृद्ध इतिहास रहा है। इसका कार्य केवल आपदाओं और आपातकालीन स्थितियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह संस्थाइ अनेक सामाजिक विकास गतिविधियां भी नियमित रूप से चलाती है। रेडक्रॉस ने लॉकडाउन के दौरान सरकार के प्रयासों में योगदान दिया है और लॉकडाउन में फंसे लोगों की भी मदद की है। इसके अलावा इसने इस महामारी के दौरान रक्त की उपलब्धरता भी सुनिश्चित की है।

कोविड-19 के कारण उत्पहन्नै हुई चुनौतियों का जिक्र करते हुए उन्होंकने इस बात पर प्रकाश डाला कि कोविड की रोकथाम के लिए वैक्सीसन को मंजूरी दी गई है। भारत सरकार ने विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान पहले ही शुरू कर दिया है। उन्हों ने यह भी कहा कि वैक्सीरन स्वजदेशी रूप से विकसित है। यह तथ्यस हमारे देश की महान क्षमता को भी दर्शाता है और प्रधानमंत्री की ‘आत्म‍निर्भर भारत’ पहल को भी बढ़ावा देता है।

कोविड-19 के प्रभाव को कम करने में आईआरसीएस की सक्रिय भूमिका की प्रशंसा करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इससे मुझे गर्व का अनुभव होता है कि आईआरसीएस कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में महत्वरपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मौजूदा कोविड-19 आपातकालीन स्थिति के लिए आईआरसीएस द्वारा व्याेपक गतिविधियों के साथबहु-आयामी प्रतिक्रिया के अलावा स्वियंसेवकों की प्रतिबद्धता और लगातार दी गई सेवाएं एक संगठन के रूप में आईआरसीएस की क्षमता का सबूत है। आईआरसीएस ने पूरे देश में 500 से अधिक जिलों में 40,000 से अधिक प्रशिक्षित स्वयंसेवकों को तैनात किया, जिन्होंने कोविड-19 के प्रभाव को कम करने में व्यापक योगदान दिया है।

डॉ. हर्षवर्धन ने अपने संबोधन के अंत में सभी स्वसयंसेवकों, इस अभियान में शामिल और अन्यई सभी भागीदारों, हितधारकोंऔर भारत के एक सबसे बड़े सांविधिक और मानवीय संगठन के रूप में आईआरसीएस के मानवीय एजेंडा में प्रत्यंक्ष और अप्रत्येक्ष रूप से योगदान देने वाले सभी सदस्यों को धन्यसवाद दिया।


Share this