सौ रुपये और दस मिनट में हो सकेगा कोविड-19 परीक्षण

covid-19 test will be done in 100 rupees and ten minutes
Share this

नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण को मात देने के लिए सही समय पर इसकी सटीक पहचान होना जरूरी है। लेकिन, संक्रमण का पता लगाने के लिए अक्सर कई बाधाएं देखने को मिलती हैं। भारत जैसी बड़ी आबादी वाले देश में सबके लिए टेस्ट की उपलब्धता चुनौती है। पर, उससे भी बड़ी चुनौती परीक्षण की कीमत से जुड़ी है। सरकारी संस्थानों में मुफ्त या किफायती टेस्ट सुविधा उपलब्ध तो है, लेकिन उसकी भी एक सीमा है। दूसरी ओर, निजी क्षेत्र के केंद्रों पर परीक्षण के लिए 800 रुपये की दर तय की गई है। लेकिन, यह देखा जा रहा है कि इन केंद्रों पर 900 से 12,00 रुपये तक आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए वसूले जा रहे हैं। ऐसे में, लोगों के लिए बड़े पैमाने पर किफायती टेस्ट कराने की चुनौती अभी भी बनी हुई है।

इस समस्या का समाधान निकालने के लिए मुंबई का एक स्टार्टअप सामने आया है। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के प्रोत्साहन से विकसित हो रहे इस स्टार्टअप ने कोविड-19 के निदान एवं निगरानी के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट विकसित किया है। यह टेस्ट मात्र 100 रुपये में किया जा सकता है। पतंजलि फार्मा द्वारा विकसित यह परीक्षण पद्धति मौजूदा आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजन टेस्ट का स्थान लेने की क्षमता रखती है। संभवतः यह बाजार में उपलब्ध सबसे किफायती परीक्षणों में से एक है।

इसका पूरा श्रेय सेंटर फॉर ऑगमेंटिव वॉर विद कोविड-19 हेल्थ क्राइसिस (कवच) नाम की पहल को जाता है। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने जुलाई 2020 में इसके माध्यम से स्टार्टअप को प्रोत्साहन देना आरंभ किया था, ताकि वह कोविड-19 के परीक्षणों के लिए किफायती एवं प्रभावी पद्धतियां विकसित कर सके। इसमें कोविड-19 की शुरुआत में ही पहचान से जुड़ी प्रक्रियाओं से लेकर निगरानी के लिए रैपिड एंटीबॉडी और एंटीजन टेस्ट दोनों से जुड़े लक्ष्य शामिल थे।

पतंजलि फार्मा के निदेशक डॉ. विनय सैनी ने आईआईटी मुंबई के सोसाइटी फॉर इनोवेशन ऐंड आन्ट्रप्रनरशिप (एसआईएनई) में इस स्टार्टअप को स्थापित किया और मात्र 8 से 9 महीनों के भीतर ही शोध एवं विकास (आरऐंडडी) प्रयोगशाला के साथ-साथ उत्पाद को भी विकसित कर लिया। अब इसके लिए आवश्यक लाइसेंस हेतु आवेदन कर दिया गया है। साथ ही इस उत्पाद की क्षमता परखने के लिए विभिन्न कोविड-19 में उसकी परख कराई जा रही है।

इस उत्पाद की विकास यात्रा और अपने अनुभवों को साझा करते हुए डॉ विनय सैनी ने कहा है कि “कोविड-19 मरीजों में अपने उत्पाद की आंतरिक पुष्टि का अनुभव बहुत शानदार रहा है। हमने वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम सैंपल्स और कोविड-19 के मरीजों में नसोफैरिंजीयल स्वैब लिए। अपने उत्पाद पर भरोसा बढ़ाने के लिए मैंने अपनी टीम के सदस्यों के साथ मुंबई के विभिन्न कोविड-19 केंद्रों का दौरा किया, जहाँ हमारे उत्पाद के विभिन्न मोर्चों पर परीक्षण किए गए।”

पतंजलि फार्मा की योजना जून 2021 के आरंभ में रैपिड कोविड-19 एंटीजन टेस्ट को लॉन्च करने की है। यह टेस्ट मात्र 10 से 15 मिनट में किया जा सकेगा। यह उन ग्रामीण इलाकों में बहुत उपयोगी सिद्ध हो सकता है, जहाँ कोविड-19 की शुरुआती स्तर पर पहचान करने के लिए पैथालॉजी और डायग्नोस्टिक लैब्स का अभाव है। उन इलाकों में भी यह उपयोगी हो सकता है, जो संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं। इसके अतिरिक्त डॉक्टरों के क्लीनिक में भी इससे जाँच कर समय बचाया जा सकेगा। किफायती होने के साथ यह और भी उपयोगी बन जाता है, जो महामारी को नियंत्रित करने में सहायक सिद्ध होगा।

यह स्टार्टअप और भी कई मोर्चों पर सक्रिय है, जिसमें कोविड-19 एंटीबॉडी टेस्ट और रैपिड टीबी टेस्ट के लिए भी समाधान तलाशने पर काम हो रहा है। उनके लिए डीएसटी के अलावा ब्रिक्स देशों और भारत एवं अमेरिकी साझेदारी के तहत फ्लोरिडा विश्वविद्यालय से भी मदद मिल रही है। (इंडिया साइंस वायर)


Share this

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here