सुरत : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हथकरघों पर बहुत ही दृढ़ राय थी और वे राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में उनकी भूमिका के बारे में बहुत भावुक विचार रखते थे।
इसी विचार को आगे बढ़ाते हुए आईडीटी के छात्रों ने भारत के विभिन्न हथकरघा को जोड़कर गांधी जी का एक चित्र तैयार किया।
इसका निर्देशन संस्था की एक अध्यापिका आरुषि द्वारा किया गया ।यह पूरा चित्र फैशन डिजाइन के बच्चों ने मिलकर बनाया।
गांधीजी हथकरघा के पक्षधर थे, और 1919 में जब हथकरघा उद्योग के लिए चीजें धुंधली लग रही थीं, तब वे अपने विचारों को वापस लाया। गांधीजी ने हथकरघा में दो चीजों को देखा – राष्ट्र का कपड़ा और भारत जैसे महान देश की विरासत। आज भी हमारा भारत अपनी हथकरघा के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है, इसी संस्कृति और उद्देश्य के साथ आईडीटी सदा अपने छात्रों को इसकी महत्ता बताता है।