विज्ञान लेखन पर प्रशिक्षण के लिए गोवा में कार्यशाला

Workshop in Goa for training on science writing
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पणजी: समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण के प्रसार में समाचार-पत्र, पत्रिकाएं, टीवी, रेडियो तथा इंटरनेट जैसे माध्यम प्रभावी भूमिका निभाते हैं। पर, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से संबंधित विषयों की रिपोर्टिंग एक जटिल कार्य है, जिसमें वैज्ञानिक तथ्यों कोआम लोगों के समक्ष सरल, सहज एवं बोधगम्य भाषा में प्रस्तुत करने की चुनौती होती है। इस कार्य में वस्तुनिष्ठता एवं तथ्यात्मकता को बनाए रखने के लिए कुशलता के साथ-साथ अतिरिक्त सावधानी की आवश्यकता पड़ती है, जिसके लिए तकनीकी प्रशिक्षण उपयोगी हो सकता है।

विज्ञान लेखन को प्रभावी एवं जनोन्मुखी बनाने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की स्वायत्त संस्था विज्ञान प्रसार तथा विज्ञान परिषद की संयुक्त पहल पर गोवा की राजधानी पणजी में मंगलवार कोएक विज्ञान लेखन कार्यशाला का आयोजन किया गया है। ‘विज्ञान, पर्यावरण एवं स्वास्थ्य रिपोर्टिंग’ पर केंद्रित यह कार्यशालाप्रेस रिपोर्टरों एवं संपादकों के लिए पणजी के मैकिनेज़ पैलेस में आयोजित की गई थी। यहकार्यशाला मुख्य रूप से पत्रकारों को विज्ञान लेखन से संबंधित तकनीकी पहलुओं से परिचित कराने के साथ-साथ वैज्ञानिक तथ्यों को सरल भाषा में प्रस्तुत करने पर केंद्रित थी। कार्यशालाकाउद्देश्यसंवाददाताओंऔरअन्य प्रतिभागियोंको वैज्ञानिक दृष्टिकोणप्रदान करना था, जो विज्ञान लेखन को प्रभावी बनाने में उपयोगी हो सकता है।

इस कार्यशाला को संबोधित करने वाले वाले विशेषज्ञों में विज्ञान प्रसार के साइंटिस्ट-‘ई’एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संबंधी विषयों पर केंद्रित समाचार एवं फीचर सिंडिकेट इंडिया साइंस वायर (आईएसडब्ल्यू) के इन्चार्ज निमिष कपूर,  आईएसडब्ल्यू के प्रबंध संपादक संतोष पांडेय और आईएसडब्ल्यू में ही ट्रेनिंग कॉर्डिनेटर सब्येसाची भारती शामिल थे।

विज्ञान लेखन से जुड़ी जटिलताओं का जिक्र करते हुए श्री निमिष कपूर ने कहा कि “विज्ञानसे संबंधित समाचारोंको लिखित रूप में प्रस्तुत करना चुनौतीपूर्ण है। मीडिया के लिए इस कार्य को आसान बनाने के लिए, हमने इसकार्यशालाको आयोजित करनेका विचार किया। मैं इस कार्यशालामें उपस्थित प्रतिभागियों की भागीदारी को देखकर खुश हूँ, और आशा करता हूँ कि उन्हें वह संदेशमिल सकेगा, जिसे हम इस पहल के माध्यम से प्रेषित करने की कोशिश कर रहे हैं।”

कार्यशाला के दौरान ‘विज्ञान, पर्यावरण एवं स्वास्थ्य रिपोर्टिंग के क्षेत्र में अवसर एवं चुनौतियों’ विषय पर केंद्रित पैनल चर्चा का आयोजन भी किया गया, जिसका संचालन फ्रेडरिक नोरोन्हा ने किया है। इस चर्चा के विशेषज्ञों में आईएसडब्ल्यू के प्रबंध निदेशक संतोष पांडेय, एनआईओ-गोवा के सेवानिवृत एमिरेटस साइंटिस्ट डॉ राजीव निगम, एनआईओ-गोवा के सेवानिवृत्त वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ रमेश कुमार, नवहिंद टाइम्स के सहायक संपादक रामनाथ रायकर और वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश कामत शामिल थे।

Workshop in Goa for training on science writing

कार्यशालाके दौरान विचारोंका आदान-प्रदान करते हुए मीडिया की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली है। श्री संतोष पांडेय ने कहा कि “यह बहुतही स्वस्थ पैनल चर्चा रही है, जिसमें अपने साथी पैनलिस्टों के अनुभवोंको जानने के साथ-साथ अपने स्वयंके अनुभवोंको प्रतिभागियोंके साथ साझा करना एक शानदार अनुभव था। मुझे उम्मीद है कि इस चर्चा के माध्यम से कार्यक्रम में मौजूद प्रतिभागियों को विज्ञानके क्षेत्र के बारे में अधिक सीखने का अवसर मिल सकेगा।”

आईएसडब्ल्यू में ट्रेनिंग कॉर्डिनेटर सब्येसाची भारती ने इस मौके पर कहा कि “मौजूदा समय में जानकारियां प्राप्त करने में सोशल मीडिया एक प्रभावी भूमिका निभा रहा है। इसीलिए, इस माध्यम की कार्यप्रणाली को समझना बेहद महत्वपूर्ण हो गया है।”

इस कार्यशाला के साथ-साथ ‘प्रौद्योगिकी’ थीम पर केंद्रित एक नवाचार प्रदर्शनी का आयोजन भी पणजी की पुरानी जीएमसी बिल्डिंग में किया गया। आईआईटी-गोवा के निदेशक डॉ बी.के. मिश्रा, एनआईटी-गोवा के प्रोफेसर गोपाल मुगेराया, इनोवेशन काउंसिल ऐंड जीपीएससी के चेयरमैन जोस नोरोन्हा, और  काइनेको समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शेखर सरदेसाई की मौजूदगी में इस प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया है। (इंडिया साइंस वायर)


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