नई दिल्ली, 07 जनवरी (इंडिया साइंस वायर): अंतरिक्ष क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ने के साथ-साथ भारत ने कोविड-19 की वैक्सीन बेहद कम समय में बनाकर पूरी दुनिया के सामने अपनी वैज्ञानिक क्षमता की मिसाल पेश की है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय प्रयोगशालाओं और हमारे वैज्ञानिकों की उपलब्धियों की एक लंबी सूची है। लेकिन, अपने देश की इन उपलब्धियों के बारे में बहुसंख्य लोगों को जानकारी नहीं है। भारत की ऐसी अनेक वैज्ञानिक उपलब्धियों, स्टार्टअप्स और नवाचारों के बारे में जानकारी प्राप्त करने का अवसर भोपाल में 21 से 24 जनवरी तक आयोजित होने वाले ‘मेगा साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी एक्स्पो’ के दौरान मिल सकता है।
देश के प्रमुख वैज्ञानिक संस्थानों, शैक्षिक संगठनों, अनुसंधान प्रयोगशालाओं, सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रम, भारतीय उद्योगों की उपलब्धियों और सफलता की कहानियों को मेगा एक्स्पो में प्रदर्शित किया जाएगा। इस मेगा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी के आयोजन का उद्देश्य उत्साही छात्रों, उभरते युवा वैज्ञानिकों और आम जनता को शिक्षित करना और उनमें वैज्ञानिक चेतना विकसित करना है। इस प्रदर्शनी में पिछले आठ वर्षों के दौरान माननीय प्रधानमंत्री द्वारा की गई विभिन्न पहलों को भी प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें ‘आत्मानिर्भर भारत’, ‘स्वच्छ भारत अभियान’, ‘डिजिटल इंडिया’, ‘स्किल इंडिया’, ‘मेक इन इंडिया’, आदि प्रमुखता से शामिल हैं।
भोपाल स्थित मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी परिसर में आयोजित होने जा रहा यह चार दिवसीय मेगा साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी एक्स्पो, इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (आईआईएसएफ) का एक प्रमुख घटक है। नई दिल्ली में आईआईएसएफ के कर्टेन रेजर कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है – “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के अंतर्गत प्रयोगशाला से धरातल तक वैज्ञानिक सफलताएं पहुंची हैं और ‘जीवन में सुगमता’ लाने के लिए हर घर में विज्ञान के अनुप्रयोगों का उपयोग किया गया है।” केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आईआईएसएफ-2022 अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भारत द्वारा जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता ग्रहण करने के साथ आयोजित हो रहा है।
स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 तक आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करने और देश को एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित करने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भारत अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ को आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है। इसी के साथ अगले 25 वर्षों के अमृतकाल के दौरान देश को वैज्ञानिक महाशक्ति बनाने के लिए पुरजोर प्रयास किये जा रहे हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत के व्यापक और बहुआयामी प्रयासों की झलक यहाँ देखने को मिलेगी। इस मेगा प्रदर्शनी की थीम – ‘विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के साथ अमृतकाल की ओर अग्रसर’ है।
आईआईएसएफ का आयोजन भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस); विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी); जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी); वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा मध्य प्रदेश सरकार; मध्य प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद; और विज्ञान भारती के सहयोग से किया जा रहा है। अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) और परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) की सहभागिता इस वर्ष आईआईएसएफ का एक अतिरिक्त आकर्षण होगी। (इंडिया साइंस वायर)