स्वामिनारायण भगवान की मूर्तियों के सबसे बड़े संग्रह के लिए गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड
मुंबई: श्री हरि सत्संग सेवा ट्रस्ट (कुंडलधाम) के श्री स्वामिनारायण मंदिर द्वारा मुंबई में एक भव्य व विशाल कार्यक्रम ‘स्वामीनारायण विश्व विक्रम समारोह-2’ का आयोजन स्वामिनारायण मंदिर,सर्वोपरी नगर, मुंबई में २९ जनवरी २०२२ को रक्खा गया था, जोकि सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।जिसमें श्री स्वामिनारायण मंदिर कुंडलधाम गुजरात में १८.१२.२०२१ के दिन ‘कुंडलधाम में स्वामिनारायण का अक्षरधाम’नामक कार्यक्रम अंतर्गत श्री स्वामिनारायण भगवान के विविध ७०९० स्वरूपों का अद्भुत दर्शन रचा गया था।स्वामिनारायण भगवान के हजारों स्वरूपों के इस अनोखे संगठन का आयोजन १८ दिसंबर के दिन गुजरात के कुंडल धाम स्थित स्वामिनारायण मंदिर में भारतीय संस्कृति और हिन्दू धर्म के विकास एवं भगवान की उपासना के प्रसार के उद्देश्य से किया गया। विशेष यह कि इस मुर्तिओं के विशाल समागम को वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में स्थान मिला है। यह अवार्ड के लिए इस प्रसंग के प्रेरणास्रोत पूज्य श्री ज्ञानजीवनदासजी स्वामी के प्रतिनिधि संतों को विशिष्ठ अतिथि सुप्रसिद्ध बांसुरी वादक पंडित रोनू मजुमदार जी और उत्तर मुंबई के सांसद श्री गोपाल शेट्टी जी द्वारा पूज्य ज्ञानजीवनदासजी स्वामी के संतों को गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट अर्पण किया गया। इस प्रसंग पर विद्यायक गीता जैन, प्रेरक परम पूज्य श्री ज्ञानजीवनदासजी स्वामी कुंडलधाम से विडिओ कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये तथा पूज्य माधवप्रियदासजी स्वामी,निरंजनदासजी स्वामी,लौकिकदासजी स्वामी व मुंबई के कई भाविक भक्त और विशिष्ठ महानुभावो की ने उपस्थित रहकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाया।
इस ‘कुंडलधाम में स्वामिनारायण का अक्षरधाम’ कार्यक्रम का अवलोकन कर गिनीज़ वर्ल्ड रिकार्ड्स की टीम ने इसे विश्वविक्रम का दर्ज़ा दिया है। पूज्य स्वामी श्री ज्ञानजीवनदासजी की प्रेरणा से निर्मित भगवान की लाखों मूर्तियाँ विश्वभर में भक्तों के घरों में सुशोभित है। स्वामीजी की भावना रही है कि भगवान की इन सुन्दर मूर्तियों के दर्शन कर लोग इन्हें ह्रदय में बसा ले, जिससे हर व्यक्ति का मन मंदिर बन जाए। इस विश्वविक्रम कार्यक्रम के साथ स्वामिनारायण संप्रदाय सनातन हिन्दू परंपरा और भारतीय संस्कृति की सुवास समग्र विश्व में प्रसारित हो इस हेतु से यह कार्य का सृजन किया गया है।
इस प्रसंग पर मुंबई महानगर के पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण का आयोजन किया गया था,जिसमे अनेक महानुभावो और संतों के आशीर्वाद के साथ संतों के आशीर्वचन भी हुए। श्री स्वामिनारायण भगवान के सिद्धांत और उपदेश जन जन तक पहुंचे। इसीलिए धर्म और पर्यावरण के अनूठे संगम के साथ यह कार्यक्रम पूज्य गुरूजी श्री ज्ञानजीवनदासजी का इस दिशा में एक प्रयास है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि और सुप्रसिद्ध बांसुरी वादक पंडित श्री रोनु मजुमदार और उत्तर मुंबई के सांसद श्री गोपाल शेट्टी जी ने अपने वक्तव्य में स्वामिनारायण संप्रदाय के पारमार्थिकऔर संस्कार सिंचन के कार्यो को सराहा।