सूरत: भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी), जो कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के संवर्द्धन, वित्तपोषण और विकास में संलग्न एक प्रमुख वित्तीय संस्था है, ने राज्य में एमएसएमई पारितंत्र को विकसित करने के लिए गुजरात सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) निष्पादित किया है। श्री विजय रूपानी, माननीय मुख्यमंत्री, श्री एम.के.दास,आईएएस,अपर प्रमुख सचिव,(उद्योग और खदान), गुजरात सरकार और श्री वी सत्य वेंकट राव, उप प्रबंध निदेशक,भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
इस समझौते के तहत सिडबी द्वारा गुजरात सरकार के साथ एक परियोजना प्रबंध इकाई (पीएमयू) स्थापित की जाएगी। पीएमयू की भूमिका प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों को डिजाइन करनेकी होगी जो किप्रौद्योगिकी हस्तांतरण, नवाचार को बढ़ावा देने, बौद्धिक संपदा अधिकारों, अनुसंधान और विकास, एमएसएमई इकाईयों और प्रौद्योगिकी संचालित व्यवसायों / स्टार्ट-अप आदि के बीच व्यावसायिक क्षमताओं और सहयोग बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी समाधान / उसका लाभ उठाने जैसे क्षेत्रों में गुजरात सरकार द्वारा कदम उठाए जा सकते हैं। पीएमयू राज्य में एमएसएमई इकाईयों की ओर लक्षित हस्तक्षेपों, पहलों, परियोजनाओं आदि की सुविधा प्रदान करेगा और प्रभावकारिता बढ़ाने और अड़चनों को दूर करने के उद्देश्य से यदि हो तो आशोधन करने के लिए सुझाव देगा।
इस अवसर पर, सिडबी के उप प्रबंध निदेशक, श्री वी. सत्य वेंकट राव ने कहा, “राज्य सरकार के साथ निकट सहयोग बढ़ाने के लिए हमारे कार्यक्रमबद्ध दृष्टिकोण के अनुरूप, हमने पिछले वित्तीय वर्ष में 10 राज्यों में समूह लोकसंपर्क कार्यक्रमों के साथ शुरुआत कीहै।हमने आत्म- निर्भर भारत की तैयारी के रूप में राज्यों में समूह विकास के ढांचागत पहलुओं का समर्थन करने के लिए एक समूह विकास निधि का भी प्रस्ताव किया है।11 राज्यों में पीएमयू की स्थापना सुदृढ़ एमएसएमई पारितंत्र के लिएलक्षित है,इस उद्देश्य के लिए विशेषज्ञों की बाह्यस्रोतित टीम को विभिन्न रूपों में सुकेंद्रित वचनबद्धता हेतु गठित किया गया है। हमने पहले ही हरियाणा, महाराष्ट्र और राजस्थान के साथ समझौता ज्ञापन निष्पादित किए हैं। हम गुजरात राज्य में वित्तीय और गैर-वित्तीय मोर्चों पर सक्रिय रहे हैं और गहरी और उपयोगी सहभागिता के लिए तत्पर हैं।”
यह विकासात्मक पहल, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा एमएसएमई उद्यमों पर गठित यू.के. सिन्हा समिति की रिपोर्ट में दर्ज अपेक्षाओं से जुड़ी है। इससे एमएसएमई के संवर्द्धन और विकास के लिए राज्य सरकारों के साथ सिडबी की संकेंद्रित संलग्नता और बढ़ेगी। पीएमयू, राज्य में एमएसएमई उद्यमों को डिजिटल प्लेटफॉर्म, जैसे – पीएसबी लोन्स इन 59 मिनिट्स, स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होना, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म यथा सरकारी ई-मार्केटप्लेस आदि पर खुद की ऑनबोर्डिंग के लिए पथ-प्रदर्शन करने की प्रक्रिया भी तैयार करेगा। इसके अलावा पीएमयू, राज्य के भीतर और बाहर दोनों स्थलों की अच्छी प्रथाओं और दिशानिर्देशों की मैपिंग कर भंडार बनाने में भी संलग्न होगा और राज्य में अच्छी प्रथाओं को अपनाए जाने को सुसाध्य बनाएगा। यह एमएसएमई के हितार्थ किए जा रहे हस्तक्षेपों के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए एक ढांचा तैयार करेगा और नीतिगत अनुसमर्थन के लिए प्रतिक्रियाएं भी प्रदान करेगा।
सिडबी ने 11 राज्यों यथा असम, नई दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में पीएमयू स्थापित करने के लिए एक विशेषज्ञ एजेंसी की नियुक्ति की है।भागीदार राज्यों के बीच अग्रदूत के रूप में कार्य करके, सिडबी अधिक उत्तरदायी पारितंत्र के उद्भव के लिए योगदान करना चाहता है जो स्थानीय उद्योग को वाणी दे और राष्ट्र को आत्मनिर्भर भारत के रूप में उभारने के संकल्प को मजबूती प्रदान करे।
सिडबी के बारे में :1990 में अपने गठन के बाद से, सिडबी अपने एकीकृत, अभिनव और समावेशी दृष्टिकोण के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों के नागरिकों के जीवन को प्रभावित कर रहा है। चाहे वे पारंपरिक, छोटे घरेलू उद्यमी हों, पिरामिड के सबसे निचले स्तर के उद्यमी हों, या फिर उच्च-स्तरीय ज्ञान आधारित उद्यमी हों, सिडबी ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों (एमएसई) के जीवन को विभिन्न ऋणों तथा विकास कार्यों के माध्यम से प्रभावित किया है।सिडबी 2.0 अपने साथ समावेशी, अभिनव और प्रभाव-उन्मुख संलग्नकता की दृष्टि को लेकर चल रहा है।
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