नई दिल्ली, 04 फरवरी: सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स के आधार माने जाते हैं, जो उद्योग 4.0 के तहत डिजिटल बदलाव के अगले चरण में प्रभावी भूमिका निभाने की क्षमता रखते हैं। यही कारण है कि केंद्र सरकार की कोशिश भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण के एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की है।
सेमीकंडक्टर और सेंसर प्रौद्योगिकी में स्वदेशी नवाचार एवं उत्पादन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा एक नयी पहल की गई है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के वैधानिक निकाय प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) की नयी पहल के अंतर्गत सेमीकंडक्टर और सेंसर पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहनदेने के लिए देसी प्रौद्योगिकी वाली भारतीय कंपनियों को वित्तीय सहायता और व्यावसायीकरण में सहयोग प्रदान करने के लिएआवेदन आमंत्रित किए गए हैं।
सरकार ने चिपसेट सहित प्रमुख कंपोनेंट के विकास के लिए विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक सक्षम वातावरण का निर्माण करने का प्रयास किया है। टीडीबी की इस घोषणा के बाद सेमीकंडक्टर और सेंसर के क्षेत्र में व्यावसायीकरण के चरण में नई प्रौद्योगिकी वाली भारतीय कंपनियों को अब व्यावसायीकरण के लिए ऋण, इक्विटी और अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता प्राप्त करने के अवसर मिल सकते हैं।
टीडीबी के सचिव, आईपी ऐंड टीएएफएस, राजेश कुमार पाठक ने कहा,”टीडीबी ने प्रौद्योगिकी कंपनियों के विकास के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। इस आमंत्रण से सेमीकंडक्टर और सेंसर निर्माण से जुड़े पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहन मिलेगा, जोकि आत्मनिर्भर भारत की पहल के लिए आवश्यक है।’’
वित्त पोषण के विस्तृत दिशा-निर्देशों और प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए आवेदक टीडीबी की वेबसाइट पर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। प्रस्ताव प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 26 मार्च, 2022 है।
इस संबंध में, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी वक्तव्यके अनुसार, देश की जरूरत और फोकस इलेक्ट्रॉनिक/सेमीकंडक्टर को प्रोत्साहन देने के लिए यह पहल की गई है। इसके अंतर्गत सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन, डिस्प्ले फैब्रिकेशन, इंटीग्रेटेड सर्किट (आईसी), चिपसेट, चिप्स ऑन सिस्टम (एसओएससी) आदि के लिए डिजाइनिंग पर ध्यान केंद्रित करते हुए सेमीकंडक्टर एवं सेंसर डोमेन में व्यावसायीकरण चरण में स्वदेशी प्रौद्योगिकी वाली भारतीय कंपनियों से प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं।
टीडीबी द्वारा आमंत्रित इन प्रस्तावों में भारतीय कंपनियों को व्यावसायीकरण, वैज्ञानिक, तकनीकी, वित्तीय और वाणिज्यिक योग्यता तथा वित्तीय सहायता के आधार पर मूल्यांकन के लिए ऋण, इक्विटी और अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करने जैसी प्रमुख विशेषताएं शामिल हैं। आवेदन करने वाली भारतीय कंपनियां (कंपनी अधिनियम, 1956/2013 के अनुसार) या डीपीआईआईटी से मान्यता प्रमाण पत्र प्राप्त स्टार्ट-अप होनी चाहिए।
सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग बहुत जटिल और प्रौद्योगिकी-प्रभावी क्षेत्र हैं, जिनमें भारी पूंजी निवेश, उच्च जोखिम, लंबी उत्पादन पूर्व तथा मुनाफा प्राप्त करने की अवधि एवं प्रौद्योगिकी में तेजी से बदलाव शामिल होते हैं, जिसका सामना करने लिए टिकाऊ निवेश की आवश्यकता होती है। वक्तव्य में कहा गया है कि इस आमंत्रण से पूंजी-सहायता और तकनीकी सहयोग की सुविधा के जरिये सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा। (इंडिया साइंस वायर)