वर्ष 2023-24 तक ‘हर घर जल’ का लक्ष्य हासिल करने के लिए पश्चिम बंगाल को तकनीकी सहायता और सहयोग प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय जल जीवन मिशन की टीम ने राज्य का दौरा किया
‘हर घर जल’ का लक्ष्य हासिल करने के लिए पश्चिम बंगाल को तकनीकी सहायता प्रदान करने के उद्देश्यग से राष्ट्रीय जल जीवन मिशन (एनजेजेएम) के 8 सदस्यों की एक टीम 5 से 8 जनवरी, 2021 तक राज्यक के4 दिवसीय दौरे पर है। जल जीवन मिशन, राज्यों के साथ साझेदारी में केन्द्रा सरकार द्वारा चलाया जा रहा एक प्रमुख कार्यक्रम है। टीम के दौरे का उद्देश्य राज्य में कार्यक्रम के कार्यान्वयनकर्ताओं के सामने मौजूद मुद्दों और चुनौतियों की पहचान करना और साथ ही अच्छी कार्यप्रणाली का दस्तावेजीकरण करना है।
टीम इन 4 दिनों के दौरान राज्य के पूर्व मेदनीपुर, पश्चिम मेदनीपुर, नादिया, मुर्शिदाबाद, बीरभूम, बर्धमान, बांकुरा और पश्चिम बर्धमान जिलों का दौरा कर रही है। एनजेजेएम के सदस्य जल आपूर्ति योजनाओं के कार्यान्वयन में शामिल क्षेत्र स्तर के अधिकारियों के साथ-साथ ग्राम प्रधानों, ग्राम पंचायतों के सदस्यों, ग्राम जल और स्वच्छता समितियों/पानी समिति के सदस्यों और लाभार्थियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। टीम जिला जल एवं स्वच्छता मिशन के अध्यक्ष/ जिला कलेक्टर के साथ बैठकें कर रही है ताकि उन्हें अपने क्षेत्र में काम की प्रगति के बारे में जानकारी दी जा सके और कार्यक्रम के त्वरित कार्यान्वयन के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की जा सके।
पश्चिम बंगाल राज्य के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल कनेक्शन प्रदान करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने के लिए 2024 तक 100 प्रतिशत कवरेज की योजना बना रहा है। और, जेजेएम के तहत इस समयबद्ध लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, भारत सरकार राज्य को सभी सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस प्रकार राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है। इससे पहले पिछले महीने, एक 4 सदस्यीय दल ने तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए राज्य का दौरा किया था, जिससे राज्य में कार्यान्वयन में तेजी आई थी।
पश्चिम बंगाल राज्य में 1.63 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से, 7.61 लाख घरों में नल कनेक्शयन है और राज्य 2023-24 तक राज्य के सभी घरों में नल कनेक्शन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। जेजेएम के तहत राज्य में काम पूरे जोरों पर है और एनजेजेएम टीम का दौरा राज्य में कार्यक्रम के कार्यान्वयन को गति प्रदान करेगा। वर्ष 2020-21 के दौरान, राज्य को 1,146.58 करोड़ रूपये के प्रारंभिक जमा सहित केन्द्री य हिस्सेक की निधि के रूप में 2,760.76 रुपये की उपलब्धता का आश्वासन दिया गया है, जबकि राज्यों के हिस्से को शामिल करने के बाद, नल कनेक्शन प्रदान करने के लिए जेजेएम के अंतर्गत पश्चिम बंगाल के पास कुल 5,770 करोड़ रुपये की राशि होगी। इसके अलावा, राज्य को जेजेएम के अंतर्गत कार्य निष्पाकदन प्रोत्साहन के रूप में कार्यान्वयन की प्रगति के आधार पर अतिरिक्त धनराशि भी प्रदान की जा सकती है।
पश्चिम बंगाल के पास वित्त आयोग के अनुदान के रूप में पंचायती राज संस्थानों को दिए गए 4,412 करोड़ रुपये हैं, जिनमें से 50 प्रतिशत अनिवार्य रूप से पानी और स्वच्छता पर खर्च किए जाएंगे। मनरेगा, जेजेएम, एसबीएम(जी), पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) को 15वें वित्त आयोग के अनुदान, जिला खनिज विकास कोष, कैम्पाए, सीएसआर, स्थानीय क्षेत्र विकास निधि आदि विभिन्न कार्यक्रमों के अंतर्गत राज्य द्वारा ग्रामीण स्त र पर समान योजना बनाने की आवश्ययकता है और प्रत्ये्क गांव की ग्रामीण कार्य योजना (वीएपी) 15वें वित्त आयोग के साथ 5 साल के लिए तैयार की जानी चाहिए, ताकि जल संरक्षण के लिए इस तरह की सभी निधियों को मिलाकर पेयजल सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उनका कुशलता से इस्ते्माल किया जा सके।
जीवन को बदल देने वाले जल जीवन मिशन के तहत, देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नियमित और दीर्घकालिक आधार पर पर्याप्त मात्रा में और निर्धारित गुणवत्ता के साथ पीने योग्य पानी की आपूर्ति के लिए एक चालू घरेलू नल कनेक्शन प्रदान किया जाएगा। सहकारी संघवाद की सच्ची भावना का पालन करते हुए, राज्य सरकारें ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के जीवन को सुगम बनाने के लिए मिशन के उद्देश्यों को हकीकत में बदलने के लिए इस प्रमुख कार्यक्रम को लागू कर रही हैं और साथ ही महिलाओं, विशेषकर लड़कियों के कठिन परिश्रम को कम कर रही हैं। यह जीवन-परिवर्तन मिशन ‘इक्विटी और समावेशी’ सिद्धांतों पर केंद्रित है। पहले के कार्यक्रमों से हटने के साथ, यह मिशन बुनियादी ढांचे के निर्माण के बजाय सेवा वितरण पर जोर देता है।-PIB