भगवान राम और सीता के विवाह, राजा जनक की आखों से छलके आंसू

Lord Rama and Sita's marriage tears spilled from the eyes of King Janak
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सूरत। वेसू क्षेत्र के रामलीला मैदान में नित्य चल रही रामलीला के बारे में श्री आदर्श रामलीला ट्रस्ट के मंत्री अनिल अग्रवाल ने बताया कि गुरूवार की रात राम-सीता विवाह की लीला हुई। इस दौरान राम और जानकी का पूरे विधि-विधान से विवाह संपन्न हुआ। इधर जनक की खुशियों का कोई ठिकाना न था तो वहीं दूत पहुंचते ही अयोध्या में भी ख़ुशीहाली फैल गई। राम द्वारा धनुष तोड़े जाने और सीता के साथ विवाह की सूचना से पूरे अयोध्या में हर्ष और उल्लास का माहौल बन गया। महाराज दशरथ प्रसन्न मुद्रा में भरत से श्रीराम के बारात के लिए हाथी, घोड़ा और रथ तैयार करवाने को कहते हैं। सुमंत दो रथ लेकर आते हैं। एक रथ पर राजा दशरथ और दूसरे पर कुल गुरु मुनि वशिष्ट सवार होते हैं। इसके बाद बारात जनकपुर के लिए प्रस्थान करती है।

बारात के जनकपुर पहुंचते ही महाराज जनक की खुशियों का कोई ठिकाना नहीं रहा। अवधपुरी से आई बारात के स्वागत के लिए मिथिला को भव्य तरीके से सजाया गया था। महाराज जनक बारात का भव्य स्वागत करते हैं। भगवान राम और सीता के विवाह की भव्य तैयारियां की जाती हैं। जैसे ही राम जानकी का विवाह शुरू होता है वैसे ही मंगल गीत के साथ पुष्प वर्षा होने लगती है। इसी के साथ राजा जनक और उनके भाई की चारों पुत्रियों का विवाह राजा दशरथ के चार बेटों से हो जाता है। चारों रानियों को डोली में बैठाकर ले जाने का दृश्य लोगों का मन मोह लेता है । विवाह के बाद राजा जनक से अयोध्या नगरी वापस जाने की आज्ञा मांगने पर राजा जनक की आखों से आंसू छलक पड़ते हैं। इस मौके पर श्री आदर्श रामलीला ट्रस्ट के अध्यक्ष बाबूलाल मित्तल, मंत्री अनिल अग्रवाल, प्रसाद मंत्री मोतीलाल झाझरिया, बाड़ा मंत्री अंशु पंडित, सुरक्षा मंत्री नारायण रावलवासिया आदि ने आए हुए गणमान्य हस्तियों का स्वागत किया। लीला देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

कल होनेवाले लीला प्रसंग
रामलीला में 30 सितंबर शुक्रवार को कैकई- मंथरा, दशरथ संवाद, श्रीराम वनवास, केवट संवाद की लीला का मंचन होगा।


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