नई दिल्ली, 26 अप्रैल: गाँवों में होने वाले विवादों का एक प्रमुख कारण भूमि के मालिकाना अधिकार से जुड़ा होता है। भूमि सर्वेक्षण मेंड्रोन आधारित तकनीक का उपयोग इन विवादों को दूर करने में प्रभावी भूमिका निभा सकती है। केंद्र सरकार की स्वामित्व योजना इस बदलाव का सूत्रधार बनी है, जिसके अंतर्गत गाँवों में रहने वाले लोगों को उनके घरों के अधिकार का रिकॉर्ड और प्रॉपर्टी के मालिकों को प्रॉपर्टी कार्ड जारी किए जा रहे हैं।
स्वामित्व योजना के अंतर्गत ग्रामीण भारत के भूमि रिकॉर्ड डिजिटल किए जा रहे हैं, जिससे गाँवों के सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इस योजना के तहत, ड्रोन का उपयोग करके सभी ग्रामीण इलाकों का सर्वेक्षण किया जा रहा है, और इस प्रकार देश के हर गाँवके लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली(GIS)आधारित मानचित्र तैयार किये जा रहे हैं। भौगोलिक सूचना प्रणाली या जीआईएस;कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को भौगोलिक सूचना के साथ एकीकृत कर इनके लिए आंकड़े एकत्रण, प्रबंधन, विश्लेषण, संरक्षण और निरूपण की व्यवस्था करता है।
गत वर्ष 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस के अवसर पर शुरू की गई स्वामित्व योजना का एक साल पूरा होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसकी प्रभावी भूमिका को सराहा है। राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू क्षेत्र के सांबा जिले की पल्ली पंचायत में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वामित्व योजना को ग्रामीण विकास के क्षेत्र में परिवर्तनकारी कदम बताया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के गाँवों में सुशासन प्रयासों के मूल में लोगों के कल्याण के लिए प्रौद्योगिकी की शक्ति का उपयोग प्रमुखता से शामिल है। इसका एक उदाहरण स्वामित्व योजना है, जिसने शानदार परिणाम दिए हैं।उन्होंने कहा है कि स्वामित्व योजना आधुनिक प्रौद्योगिकी की मदद से देश केगाँवों में विकास और विश्वास का नया मंत्र बनकर उभरी है।
ड्रोन आधारित सर्वेक्षण से गाँवों में भूमि का सीमांकन करने और भूमि संबंधी आंकड़े डिजिटल किये जा रहे हैं। इस पहल से गाँवों में संपत्ति का स्वामित्व सुनिश्चत करने,भूमि रिकॉर्ड के आधार पर बैंक से लोन प्राप्त करने, भूमि विवादों को दूर करने, सटीक भूमि रिकॉर्ड से बेहतर ग्रामीण विकास नियोजन करने, संपत्ति कर एकत्रित करने, और भूमि एवं सीमाओं की सटीक मैपिंग करने में मदद मिल रही है।
स्वामित्व योजना के अंतर्गत अब तक 42 लाख से अधिक ग्रामीणों को प्रॉपर्टी कार्ड बाँटे जा चुके हैं। स्वामित्व योजना के तहत मार्च 2025 तक देश के सभी गाँवों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है। (इंडिया साइंस वायर)