चीन में बिखरे भारतीय रंग: ‘स्पाइसी रेल x देसी ट्रेल’ के नए एपिसोड में बसंत मेले की जीवंत झलक

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भारत और चीन के बीच सांस्कृतिक संवाद को बढ़ावा देने वाला लोकप्रिय पॉडकास्ट ‘स्पाइसी रेल x देसी ट्रेल’  हर बार श्रोताओं को एक नए अनुभव से रूबरू कराता है। इस बार का एपिसोड बेहद खास था, क्योंकि इसमें चर्चा की गई चीनी धरती पर आयोजित एक भव्य भारतीय बसंत मेले की, जहाँ भारत की परंपरा, रंग, स्वाद और संगीत ने विदेश में बसे भारतीयों और स्थानीय चीनी नागरिकों के बीच सांस्कृतिक पुल का निर्माण किया।

संस्कृति का जश्न: चीन में भारतीय बसंत मेला

इस खास एपिसोड में, शो के मेज़बान ने उस अनोखे आयोजन का जिक्र किया जिसमें 4500 से अधिक लोग एक साथ इकट्ठा हुए — यह अब तक का सबसे बड़ा भारतीय सांस्कृतिक मेला रहा जिसे भारतीय दूतावास, चीन द्वारा आयोजित किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य था भारतीय त्योहार बसंत (होली) को चीन में बसे भारतीयों के साथ-साथ स्थानीय लोगों तक पहुँचाना।

जहाँ पहले यह उत्सव केवल सीमित भारतीय समुदाय तक ही सीमित था, अब यह पूरी दुनिया के सामने भारत की जीवंत संस्कृति का प्रतीक बन गया है।

मीरा का अनुभव: दो संस्कृतियों का संगम

एपिसोड में शामिल हुईं मीरा, जो एक लोकप्रिय इंडो-चाइनीज़ कंटेंट क्रिएटर हैं और संस्कृति की मजबूत दूत मानी जाती हैं। मीरा ने बताया कि उन्होंने चीन में 8 वर्षों तक होली मनाई है, लेकिन इस बार का अनुभव बिल्कुल अलग और विशेष था।

उन्होंने बताया कि शुरुआत में होली केवल कुछ दोस्तों के बीच मनाई जाती थी — बाल्टी, रंग और गुलाल के साथ। पर इस बार यह आयोजन एक वास्तविक भारतीय मेले में तब्दील हो गया था जिसमें खाने के स्टॉल, परंपरागत परिधान, मेहंदी, संगीत, फैशन शो, डांस परफॉर्मेंस और यहां तक कि योगा सेशन तक आयोजित किए गए।

मीरा ने खुद फैशन शो में जज की भूमिका निभाई और बताया कि इस आयोजन ने उन्हें गर्व और उत्साह से भर दिया। उनकी बातों से यह साफ झलकता है कि यह सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि एक भावनात्मक जुड़ाव था।

भारतीय स्वाद का जादू

भारतीय खानपान इस आयोजन की जान रहा। खाने के स्टॉल्स पर समोसा, आलू टिक्की, बटर चिकन, बिरयानी, पनीर टिक्का, मसाला चाय, कुल्फी जैसी व्यंजन थे, जिन्हें देखकर ऐसा लगा मानो चीन की गलियों में छोटा भारत बस गया हो।

मीरा ने यह भी बताया कि चीन में भारतीय खाना आमतौर पर महंगा होता है, पर इस आयोजन में इसे काफी किफायती रखा गया, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका आनंद ले सकें। यहाँ तक कि बहुत सारे चीनी नागरिकों ने भी इन व्यंजनों का आनंद उठाया और भारतीय व्यंजनों की तारीफ की।

होली की मस्ती, पर नियमों के साथ

चीन में सार्वजनिक स्थलों पर रंग खेलना कानूनन वर्जित है। ऐसे में भारतीय दूतावास ने यह उत्सव सुरक्षित और नियंत्रित माहौल में आयोजित किया, जहाँ संगीत, डांस और गुलाल के साथ होली की मस्ती को भरपूर तरीके से जिया गया। यह आयोजन न सिर्फ भारतीयों के लिए उत्सव का माध्यम था, बल्कि स्थानीय लोगों को भी भारतीय परंपरा की गहराई से परिचित कराने का एक शानदार अवसर बना।

संस्कृति से जुड़ने का सेतु

‘‘स्पाइसी रेल x देसी ट्रेल’ ‘ के इस एपिसोड के माध्यम से एक बहुत ही महत्वपूर्ण संदेश सामने आता है — भारत की संस्कृति, उसकी विविधता और जीवंतता सिर्फ उसके भूगोल तक सीमित नहीं है। प्रवासी भारतीय जब भी किसी आयोजन के ज़रिए अपनी जड़ों से जुड़ते हैं, तो वह न सिर्फ उनके लिए गर्व का कारण बनता है, बल्कि यह भारत के सांस्कृतिक प्रभाव का वैश्विक प्रमाण भी बनता है।

मीरा जैसे युवा कंटेंट क्रिएटर्स इस सेतु को और भी मजबूत बना रहे हैं। उनके अनुभव यह दिखाते हैं कि संस्कृति सिर्फ उत्सव नहीं, बल्कि पहचान और जुड़ाव का माध्यम भी है

इस रंगारंग अनुभव की झलक आप यूट्यूब पर भी देख सकते हैं:


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