नई दिल्ली, 09 जनवरी 2025: अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और आर्थिक विरासत के बावजूद, भारत आज भी भूख और कुपोषण जैसे गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा है। हर साल देश में लगभग 68.8 मिलियन टन भोजन बर्बाद होता है, जिसकी कीमत ₹7,92,000 करोड़ के करीब है। वहीं, पाँच वर्ष से कम आयु के 33.4 मिलियन बच्चे कुपोषण से जूझ रहे हैं, जिनमें से 17.2 मिलियन गंभीर रूप से प्रभावित हैं।
इस चुनौतीपूर्ण स्थिति को बदलने के उद्देश्य से आदिबोध फाउंडेशन और रेस्टोरेंट क्रिकेट लीग (आरसीएल) ने ‘‘भूख मुक्त भारत’’ मिशन की शुरुआत की है। यह मिशन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के विज़न और संयुक्त राष्ट्र के 2030 तक भूख मिटाने के सतत विकास लक्ष्य के अनुरूप है। मिशन का उद्देश्य अधिशेष भोजन के बेहतर उपयोग के जरिए भूख के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन खड़ा करना है।
इस संदर्भ में मिशन के संस्थापक सदस्य श्री अरविंद कुमार ने बताया कि मिशन का उद्देश्य प्रत्येक भारतीय को पोषण सुनिश्चित करना और अधिशेष भोजन का बेहतर प्रबंधन करना है। उन्होंने बताया कि हमारा प्रयास नागरिकों, व्यवसायों और नीति-निर्माताओं को एक मंच पर लाकर, न्यायसंगत और टिकाऊ खाद्य व्यवस्था की नींव रखना है जिससे एक ऐसे भारत का निर्माण हो जहाँ हर थाली भरी हो और कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए।
मिशन की शुरुआत के पहले दिन ही इस पहल को जबरदस्त समर्थन मिला, जिसमें हजारों की संख्या में लोग जुड़ गए। मिशन के संस्थापक श्री अरविंद कुमार और श्री अभिषेक भटनागर ने इसे एक आंदोलन करार दिया जो पूरे देश को भूख के खिलाफ लड़ाई में एकजुट करेगा। संस्थापकों ने देश के सभी नागरिकों से इस आंदोलन का हिस्सा बनने की अपील की है। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति 9213332999 पर मिस्ड कॉल देकर या ‘‘भूख मुक्त भारत’’ मंच पर पंजीकरण कराकर इस अभियान से जुड़ सकता है।
संस्थापक श्री अरविंद कुमार और श्री अभिषेक भटनागर ने संयुक्त रूप से बताया कि ‘‘भूख मुक्त भारत’’ मिशन न केवल भोजन को बचाने का प्रयास है, बल्कि एक स्वस्थ, न्यायसंगत और समृद्ध राष्ट्र की ओर एक बड़ा कदम है। उन्होंने हर एक नागरिक से आह्वान करते हुए कहा कि आइए, इस आंदोलन का हिस्सा बनें और भूख को इतिहास बनाएं।