चंद लफ़्ज़ों में किसी व्यक्ति की समस्त भावनाओं और संवेदनाओं को समेटना सम्भव नहीं है। यहां मैंने अपने जीवन के कुछ बेहतरीन लम्हों को शायरी के रूप में पिरोने का प्रयास किया है। ये अशआर जो केवल लफ़्ज़ों की तुरपन नहीं है बल्कि ये वो एहसास हैं जो मैंने खुद जिए है। उम्मीद है आप सभी मेरी इस किताब को दिल की गहराईयों से समझेंगे और एहसासों से रुबरु होंगे। यदि आप थोड़ा सा भी इन अशआर से अपने जज्बातों को जोड़ कर महसूस करते हैं तो मेरा लिखना सफल हो जाएगा।
डॉ.तीर्थराज भारद्वाज BA,LLB,LLM,PhD लेखक का जन्म टूण्डला, ज़िला फिरोजाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ है। जन्म के बाद पिता जी की पदस्थापना मध्यप्रदेश में हो जाने से वे यहाँ आ गए। इनकी पूरी शिक्षा गोहद और ग्वालियर मध्य प्रदेश में हुई।वे कॉलेज के ज़माने से ही शायरी करते आ रहे है, कहा जाता है शायरी में निखार दिल टूटने के बाद ही आता है पर इनका दिल लगने के बाद आया। अभी सफर जारी है।
1. क्या आप हमें अपनी पुस्तक के बारे में कुछ बता सकते हैं?
मेरी किताब मेरी मुहब्बत का दस्तावेज है इसमें जो भी लिखा है वो मैंने खुद जिया है. जो बातें मैं अपने महबूब से कह न सका वो मैंने इस किताब मे लिख दी हैँ.
2. क्या कोई विशिष्ट घटना है जिसने इस कहानी को प्रेरित किया या यह अचानक आया विचार था?
जब मुझे किसी से प्यार हुआ…तो मैंने उसे इम्प्रेस करने के लिए ग़ज़लें लिखना शुरू किया.
3. सबसे पहले आपको लिखने के लिए क्या प्रेरणा मिली?
सबसे पहले मैंने एक ग़ज़ल लिखी जिसका नाम था मौसम- तेरे आने से हो जाती है गुलनार शफक इतराते हुए रूखे गुलजार भी हो जाते हैं सुर्ख शर्माते हुए .
4. जब आपने अपना पहला ड्राफ्ट पढ़ा तो आपके मन में क्या धारणा थी?
उसको पढ़ कर मैं बहुत भावुक हो गया…लेकिन मैंने सोचा कि मुझे अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है.
5 आपकी कहानी का कौन सा भाग आपसे सबसे अधिक जुड़ता है? क्यों?
एक ग़ज़ल है मुझसे मिलने को आए हो क्या खुद को भी साथ लाए हो क्या मेरे ख्वाब आंसुओं में भीग रखे हैं तुम अपनी पलकों में छुपाये हो क्या..…
6 आपकी पुस्तक को पढ़ने लायक क्या बनाता है?
ज़ज्बात जो हर उस शख्स से जुड़ेंगे जिस ने जिन्दगी कभी सच्ची मुहब्बत की होगी.
7 लिखते समय आपको सबसे अच्छी सलाह क्या मिली?
मेरे एक दोस्त ने कहा था कि आसान शब्दों मे लिखो जिससे आम लोग खुद को जोड़ पाएं.
8 आपका सर्वकालिक पसंदीदा लेखक कौन है? उनकी किस किताब से आपको उनसे प्यार हो गया?
“जनाब ए जॉन एलिया” उनकी सभी किताबें लेकिन, यानि, गुमान आदि मुझे बेहद पसंद है. वो एक शानदार शायर होने के साथ बेहद जिंदादिल और फकीराना अंदाज के इंसान थे. उनके हुनर और लोकप्रियता का कोई अंदाजा नहीं लगा सकता.
9 वहां के लेखकों को आपकी सदाबहार सलाह क्या है?
जो अच्छा और सच्चा होगा वो एक दिन बुलंदियों को जरूर छुएगा.
10 लिखने के लिए आपका सबसे कठिन दृश्य कौन सा था?
अपने दर्द की नुमाइश कर ग़ज़ल लिखना.
11 क्या आपके पास कोई और साजिश चल रही है?
Yes.
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