11 वर्षीय बालिका भाविका माहेश्वरी ने कैदियों के समक्ष किया कथा वाचन

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सूरत, गुजरात: 11 वर्षीय भाविका माहेश्वरी के श्री मुख से गुरुवार को सुबह गुजरात की बड़ी जेलों में से एक लाजपोर सेंट्रल जेल में हजारों कैदियों के समक्ष रामकथा का वाचन हुआ। भाविका ने बाल कांड, अयोध्या कांड, अरण्य कांड, किचकिन्दा कांड, लंका कांड, सुंदर कांड व उत्तरकांड के माध्यम से जीवन उत्थान के सूत्र बताए और कैदियों को कहा कि अतीत में जिन किन्हीं कारणों से आप इस जेल में पहुंच गए हो लेकिन अब भविष्य में अपने जीवन को उत्तम बनाएं व अपराधों से सर्वथा दूर रहे।

इस अवसर पर लाजपोर सेंट्रल जेल सुप्रिडेंट आई पी एस श्री मनोज निमामी, डिप्टी सुप्रिडेंट श्री नरवाड़े एंव श्री पुंडरीक व सीनियर जेलर श्री श्री माली आदि की उपस्थिति रही व कथा के आयोजन में पूर्ण सहयोग प्रदान किया, पुलिस अधिकारियों की और से कथावाचक भाविका माहेश्वरी का व उनके दादा श्री मीठालाल जी केला का शॉल व फूलों के गुलदस्ते से सम्मान किया।

11-year-old girl Bhavika Maheshwari narrates the story in front of the prisoners

ड्रीम हाई स्कूल, एक सोच एन जी ओ के सयुंक्त प्रयासों व ग्लेमर इवेंट के श्री दिनेश राठी के सहयोग से इस कथा का आयोजन हुआ। कथा कराने की स्वीकृति प्राप्त करने के लिए मंजू भंसाली का विशेष योगदान रहा। इस अवसर पर कथा वाचक भाविका के दादा श्री मीठालाल कैला, दादी अयोध्या देवी जी केला, नाना श्री जुगल किशोर जी सोनी व नानी इंद्रा जी सोनी, मामा श्री गौरव सोनी, भाविका के पिता श्री राजेश माहेश्वरी व मम्मी मनीषा माहेश्वरी व छोटा भाई माधव माहेश्वरी उपस्थित थे।

11-year-old girl Bhavika Maheshwari narrates the story in front of the prisoners

इस अवसर पर महावीर इंटरनेशनल के श्री गणपत भंसाली, सी ए श्री पंकज माहेश्वरी, अग्रवाल युवा शाखा से जुड़े श्री प्रकाश बिंदल, एक सोच संस्था की दर्शना जानी, एकता तुलस्यान, हार्दिक जानी तथा समाजसेविका सुचेता सेठ की विशेष उपस्थिति रही। उल्लेखनीय है कि लाजपोर जेल में कुल 2865 कैदी है जिनमे 85 के करीब महिलाएं है, यह देखा गया कि कैदियों में अधिकतया 20 से 30 वर्ष की उम्र की संख्या ज्यादा थी।


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